रतलाम जिला जून 1948 में गठित किया गया था तथा जनवरी 1949 में इसका पुनर्गठन किया गया। यह जिला पूर्व रियासत रतलाम, जावरा, सैलाना, पिपलोदा, देवास सीनियर की रिंगनोद तहसील, देवास जूनियर की आलोट तहसील, ग्वालियर राज्य की मंदसौर तहसील के कुछ भाग, धार राज्य के कुछ गाँव तथा चीफ कमिश्नर प्रांत के पंत पिपलोदा क्षेत्र को सम्मिलित करता है।
रतलाम मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है, जो राज्य के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित “मालवा” क्षेत्र में आता है। रतलाम का नया नगर 1829 में कैप्टन बर्थविक द्वारा बसाया गया था, जिसमें सुव्यवस्थित एवं चौड़ी सड़कों तथा सुदृढ़ रूप से निर्मित मकानों की योजना बनाई गई थी। रतलाम कभी मध्य भारत के प्रमुख वाणिज्यिक नगरों में से एक था और अफीम, तंबाकू तथा नमक के व्यापक व्यापार का केंद्र रहा है। यह मालवा क्षेत्र में अपने सौदों, जिन्हें “सट्टा” कहा जाता था, के लिए भी प्रसिद्ध था। 1872 में खंडवा तक रेलवे लाइन के प्रारंभ होने से पहले, रतलाम से बेहतर कोई व्यापारिक मंडी नहीं थी।
यह जिला अपने मुख्यालय नगर रतलाम के नाम पर जाना जाता है, जो कभी रतलाम रियासत की राजधानी भी था।