कृषि
मध्य प्रदेश जलवायु परिस्थितियों, मिट्टी और फसलों के विविध पैटर्न के साथ संपन्न है । इसलिए इसकी भूमि क्षेत्र 11 कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है । पिछले कुछ दशकों में मध्य प्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में सार्थक प्रगति और विकास किया है जिससे यहाँ की खाद्यान्न उत्पादन क्षमता दोगुनी हो गई है । यह भारत में कुल खाद्यान्न उत्पादन का 7.7% योगदान देता है । दलहन और तिलहन उत्पादन में क्रमशः 24% और 25% योगदान के साथ मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है ।
योजनाएं / नीतियाँ
- आईसोपाम योजना
- सघन कपास विकास योजना
- सघन गन्ना विकास योजना
- एकीकृत अनाज विकास कार्यक्रम (मोटा अनाज एवम चावल)
- अन्नपुर्णा योजना
- समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन एवं उर्वरकों का संतुलित व समन्वित उपयोग कार्यक्रम (आई. एन. एम. )
- बलराम ताल योजना
- भू-जल संवर्धन योजना
- राष्ट्रीय बायोगेस योजना
- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना : राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अन्तर्गत रबी 2010-11 की अधिसूचना
- नदी घाटी/बाढ उन्मुख नदी योजना
- नलकूप खनन योजना
- राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम
- सूरजधारा योजना
- मध्यप्रदेष कृषि में महिलाओं की भागीदारी (मापवा) योजना : दिशानिर्देश, स्व सहायता समूह – दिशानिर्देश
- आत्मा योजना : पुनरीक्षित दिशानिर्देष , फार्म स्कूल – पुनरीक्षित दिशानिर्देष
- बैलगाड़ी योजना
- बीज ग्राम योजना
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रशिक्षण योजना
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना